मदर टेरेसा को उनकी 110 वीं जयंती पर ममता बनर्जी ने की श्रद्धांजलि अर्पित

दया और प्रेम की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा को उनकी जयंती पर ममता ने क्या कहा...

मदर टेरेसा को उनकी 110 वीं जयंती पर ममता बनर्जी ने की श्रद्धांजलि अर्पित
मदर टेरेसा को उनकी 110 वीं जयंती पर ममता बनर्जी ने की श्रद्धांजलि अर्पित

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दया और प्रेम की प्रतिमूर्ति ‘संत’ मदर टेरेसा की जयंती पर उन्हें याद किया।

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दया और प्रेम की प्रतिमूर्ति ‘संत’ मदर टेरेसा की जयंती पर उन्हें याद किया। सोशल नेटवर्क ट्वीटर पर मुख्यमंत्री बनर्जी ने लिखा कि ‘‘हम हमेशा एक दूसरे के साथ मुस्कुराते हुए मिले।’’ उन्होंने मदर की जयंती पर उन्हें याद करते कहा कि संत टेरेसा ऑफ कोलकाता विश्व में दया और प्रेम का जीता जागता उदाहरण थी।

भारत रत्न मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को हुआ था। संत मदर समाज के दबे कुचले लोगों की सेवा में अपना सारा समय बीता दिया था। ममता ने मदर के उन उक्तियों को साझा किया है जो आज भी प्रासंगिक हैं। मदर के साथ बीते कुछ पल का संस्मरण करते हुए ममता ने कहा कि मुलाकाता में मदर अक्सर कहती थीं कि एक जीवन जो दूसरों के लिए नहीं जीया गया वह जीवन नहीं है। "दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं, लेकिन वास्तव में उनकी गूंज की कोई सीमा नहीं है। मदर टेरेसा के कहे इन वाक्यों को जिस किसी ने भी अपनी जिंदगी में उतारा, उसकी जिंदगी के मायने बदल गए। 

मदर टेरेसा एक ऐसी शख्सियत की धनी थीं, जिन्होंने गरीबों, अनाथों, असहायों और जरूरतमंद लोगों की सेवा को ही अपनी जिंदगी का इकलौता मकसद बनाया, और उसी साधना में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इसी वजह से उन्हें शांति और सदभावना के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।