Share market: शेयर बाजार में मचा कोहराम- सेंसेक्स 1000 अंक टूटा, निवेशकों के डूबे 3.3 लाख करोड़

आज शेयर बाजार (Share market) में भारी गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स (Sensex) 1,145 अंकों की जोरदार गिरावट के साथ बंद हुआ.

Share market: शेयर बाजार में मचा कोहराम- सेंसेक्स 1000 अंक टूटा, निवेशकों के डूबे 3.3 लाख करोड़

मिले-जुले ग्लोबल संकेतों से सप्ताह के पहले दिन घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. कमजोर शुरुआत के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट बढ़ गई है. आज शेयर बाजार (Share market) में भारी गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स (Sensex) 1,145 अंकों की जोरदार गिरावट के साथ बंद हुआ. आज लगभग तीन हफ्ते के बाद सेंसेक्स 50 हजार के नीचे गिरकर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी (Nifty) भी 306 अंकों की गिरावट के साथ 14,675 के स्तर पर बंद हुआ.

बता दें, इसी महीने सेंसेक्स (Sensex) ने 52, 500 का स्तर भी पार करने में कामयाब हुआ था. जबकि जनवरी में 50 हजार का स्तर तोड़ने में कामयाब रहा था. फिलहाल बाजार की इस गिरावट में निवेशकों के करीब 3.3 लाख करोड़ रुपये एक दिन में डूब गए हैं.

हैवीवेट रिलायंस इंडस्ट्री (2%), HDFC (2.70%), टीसीएस (2.74%) और इंफोसिस (1.13%) में कमजोरी से बाजार पर दबाव बना है. सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी मेटल को छोड़ सभी सेक्टर्स लाल निशान में कारोबार कर रहा है. मेटल शेयरों में खरीदारी से निफ्टी मेटल 3 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है. दिग्गज शेयरों के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली हावी है. बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.97 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. स्मॉलकैप शेयरों में भी कमजोरी नजर आ रही है. बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.52 फीसदी टूटा है.

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है. कोर्ट ने फिलहाल इस डील पर रोक का आदेश जारी किया है. कोर्ट से झटका लगने के बाद रिलायंस के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है. गिरावट के बाद रिलायंस का मार्केट कैप घटकर 13 लाख 11 हजार 706 करोड़ रुपए रह गया. पिछले सप्ताह इसका मार्केट कैप 13 लाख 18 हजार 952 करोड़ रुपए था. इस तरह निवेशकों के 7246 करोड़ रुपए डूब गए.

शेयर बाजार (Share market) में गिरावट के कई कारण नजर आ रहे हैं. सबसे पहले तो बाजार बहुत अधिक ऊंचाई पर पहुंच चुका है यानी हाई वैल्युएशन, कमजोर वैश्विक संकेत, कोरोना के फिर बढ़ रहे मामलों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार का सेंटीमेंट कमजोर हुआ.