चीन के साथ बातचीत नाकाम होने पर सैन्य विकल्प मौजूद हैं : जनरल बिपिन रावत

जनरल रावत ने कहा, “सरकार शांतिपूर्ण ढंग से मामला सुलझाना चाहती है। रक्षा सेवाओं का काम निगरानी रखना और ऐसे अतिक्रमण को घुसपैठ में तब्‍दील होने से रोकना है

चीन के साथ बातचीत नाकाम होने पर सैन्य विकल्प मौजूद हैं :  जनरल बिपिन रावत

भारत लगातार चीन के साथ अपने रिश्ते सुधारने के प्रयासों में लगा हुआ है, लेकिन वो अपनी संप्रभुत्ता से समझौता करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है। इस बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किए गए बदलाव से निपटने के लिए सैन्य विकल्प जारी है, लेकिन इस विकल्प पर विचार सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत विफल होने के बाद किया जाएगा।

एलएससी (LAC) पर भारत-चीन (India-China face off) के बीच जारी तनाव को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने सोमवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि लद्दाख (Ladakh) में चीनी सेना की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनरल रावत ने कहा, “सरकार शांतिपूर्ण ढंग से मामला सुलझाना चाहती है। रक्षा सेवाओं का काम निगरानी रखना और ऐसे अतिक्रमण को घुसपैठ में तब्‍दील होने से रोकना है, अगर LAC पर पूर्वस्थिति बहाल करने की कोशिशें सफल नहीं होती हैं तो सैन्‍य कार्रवाई के विकल्प पर भी विचार किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सभी लोग इस उद्देश्य के साथ सभी विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं कि पीएलए लद्दाख में यथास्थिति बहाल करे। 2017 में पीएलए के खिलाफ डोकलाम में 73 दिन के सैन्य गतिरोध के दौरान सेना प्रमुख रहे सीडीएस रावत ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि प्रमुख खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी है।

बीते शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि यह समीक्षा बैठक भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए राजनयिक स्तर पर हुई वार्ता के दो दिन बाद हुई है। इस बीच सेना ने बताया कि 20 और 21 अगस्त को सेना के कमांडरों की बैठक उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर सुरक्षा स्थिति और सैन्य तैयारियों की समीक्षा के लिए हुई थी।

गौरतलब है कि एलएसी पर विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कई बार सैन्य वार्ता हो चुकी है। इसमें लेफ्टिनेंट-जनरल स्तर की वार्ता शामिल है। राजनयिक स्तर पर भी बातचीत जारी है। संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी चीन से बात कर रहे है। दोनों पक्षों के बीच सीमा पर तनाव को कम करने पर बात किया जा रहा है।