राजस्थान के नेताओं को नड्डा की नसीहत: आत्मविश्लेषण करें और स्वीकार्यता बनाए रखें, दिखा ऐसा नजारा

राजस्थान भाजपा में धड़ेबंदी व खींचतान के आरोपों के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को पार्टी नेताओं से आत्मविश्लेषण करने और अपनी प्रासंगिकता तथा स्वीकार्यता बढ़ाने को कहा।

राजस्थान के नेताओं को नड्डा की नसीहत: आत्मविश्लेषण करें और स्वीकार्यता बनाए रखें, दिखा ऐसा नजारा

राजस्थान भाजपा में चल रही गुटबाजी के बीच आज एक सुखद तस्वीर सामने आई. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (NaddaVisit) ने एकला चलो की नीति छोड़ कर सबको साथ चलने का मंत्र देकर सबके हाथ मिलवा दिए. राजस्थान भाजपा में धड़ेबंदी व खींचतान के आरोपों के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को पार्टी नेताओं से आत्मविश्लेषण करने और अपनी प्रासंगिकता तथा स्वीकार्यता बढ़ाने को कहा। नड्डा ने यह बात मंगलवार को पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के उद्घाटन सत्र में कही। उन्होंने पार्टी नेताओं व पदाधिकारियों को सतत आत्मविश्लेषण की नसीहत देते हुए कहा, 'मैं चर्चा नहीं करना चाहता लेकिन हमने आत्मविश्लेषण लगभग छोड़ दिया है।

गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि समय बदल चुका है, भाजपा सशक्त है. दूध का दूध करने का. सच्चाई को सामने लाने का समय है. कांग्रेस की संस्कृति में झूठ बोलना उनकी आदत का हिस्सा है. भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि प्रदेश की जनता को हर चीज से वाकिफ कराना है. लोकसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि गहलोत की सरकार से लोग मुक्ति पाना चाहते हैं. मुझे विश्वास है कि आप मेरी बात पर मनन करेंगे.

अटलजी के जन्मदिन तक हर बूथ पर सक्रिय पन्ना प्रमुख बनाना है। अभी मोदी की हवा है, उसे कैप्चर करने हर स्तर पर तैयारी जरूरी है। कार्यकर्ता समस्या नहीं, बल्कि समाधान होते हैं। हमें कार्यकर्ता बनना है, पोस्टमैन नहीं। हमें समाधान तक जाना है। लीडर किसी के कहने से नहीं, एक्शन से बनते हैं। हमें सबको साथ लेकर चलना है, एकला नहीं।

किसानों पर नड्डा ने कहा कि आज किसानों के लिए जो रिफॉर्म किए गए हैं, वो किसानों की तकदीर बदल देंगे। ऐसे में कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी बनती है कि वो गांव-गांव जाकर किसानों को सच बताएं। नड्डा ने कहा कि महिलाओं के क्राइम में राजस्थान नंबर-1 या 2 पर पहुंच गया है। यहां दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं। सरकार की प्राथमिकता सुशासन नहीं है, कुशासन राज्य देकर जाने की है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, मैं इसलिए सारी बातें आपसे कर रहा हूं क्योंकि यह हमारे जहन में होनी चाहिए कि हम संगठन की दृष्टि से अपनी उपयोगिता कैसे बढ़ा सकते हैं कैसे हम और परिपक्व हो सकते हैं, कैसे अपनी स्वीकार्यता बढ़ा सकते हैं। नड्डा ने कहा, ''लीडर (नेता) किसी के कहने से नहीं बनते लीडर (नेता) अपने एक्शन (काम) से बनते हैं। और हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हमारी स्वीकार्यता तभी बढ़ती है जब हम सबको साथ लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी नेता ध्यान रखें कि कार्यकर्ता समस्या नहीं समाधान होता है।