मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचल बढ़ी, सिंधिया समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

उपचुनाव में 19 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद कैबिनेट विस्तार को लेकर कवायत तेज हो गई है।

मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचल बढ़ी, सिंधिया समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

सत्तारूढ़ बीजेपी ने तीन नवंबर को 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में से 19 सीटें जीती थी, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को मात्र नौ सीटें मिली। उपचुनाव में 19 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद कैबिनेट विस्तार (Cabinet extension) को लेकर कवायत तेज हो गई है। उपचुनावों के नतीजे आने के बाद पहली बार महाराज सिंधिया भोपाल पहुंचे है। 


भोपाल पहुंचने के बाद महाराज सिंधिया मीडिया से रूबरू हुए। महाराज सिंधिया ने उपचुनाव में बीजेपी की जीत का श्रेय प्रदेश की जनता और पार्टी के आला नेताओं को दिया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जीत का श्रेय यदि किसी को जाता है तो सर्वप्रथम मेरी मध्य प्रदेश की जनता को जाता है। जनता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश में सुशासन लाने के लिए आशीर्वाद प्रदान किया है। इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों को भी जाता है।


एमपी उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के तीन मंत्रियों की हार हुई है। वहीं, उनके खेमे के 2 कद्दावर मंत्रियों के इस्तीफे पहले ही हो चुके हैं। ऐसे में शिवराज कैबिनेट में 5 लोगों की जगह खाली है।  हारे हुए मंत्रियों को निगम मंडल में एडजस्ट करने की बात चल रही है। इस पर सिंधिया ने कहा कि ये संगठन तय करेगा। उपचुनाव के दौरान बीजेपी में भितरघात पर सिंधिया ने जबाव दिया कि हम समीक्षा करेंगे। सही समय पर हम हारी हुई सीटों की समीक्षा करेंगे।सिंधिया खेमे के कद्दावर मंत्री रहे तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत अभी मंत्री पद पर नहीं हैं। उपचुनाव के दौरान ही दोनों का इस्तीफा हो गया था। ऐसे में भोपाल में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयास तेज हो गए हैं।


लेकिन हारे हुए समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है। रघुराज सिंह कंसाना और मुन्नालाल गोयल ने अपनी हार के लिए पार्टी के ही लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। कंसाना ने ऐसे लोगों के खिलाफ पार्टी से कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही कंसाना ने उन नेताओं पर भी कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने उपचुनाव में नुकसान पहुंचाया है। कंसाना का इशारा पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ नेताओं की ओर है।


दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए सभी बड़ी चिंता यह है कि उनके हारे हुए लोग एडजस्ट कहां होंगे। क्योंकि सभी लोग पद और विधायकी छोड़ कर कांग्रेस से आए थे। इमरती देवी, एंदल सिंह कंसाना और गिर्राज दंडोतिया शिवराज सरकार में मंत्री थे। तीनों की उपचुनाव में हार हुई है। ऐसे में चर्चा है कि तीनों को किसी बोर्ड या निगम में एडजस्ट कर राज्य मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। इसे लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच चर्चा भी चल रही है। वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार के सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि यह फैसला सीएम लेंगे।