अफगानिस्तान के हालात हुए बेहद खराब,अमेरिका और ब्रिटेन ने भी बढ़ाई मुश्किलें, तालिबान ने किया ये दावा
तालिबान ने दावा किया है कि उसने यहां के दो बड़े शहर कंधार और हेरात पर अपरा कब्जा जमा लिया है
अफगानिस्तान के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। तालिबान के कंधार पर कब्जे के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने दूतावास को खाली करने की तरफ कदम बढ़ा दिया है। दूतावासों में काम करने वालों की सुरक्षित वापसी के लिए अमेरिका और ब्रिटेन हजारों की संख्या में अपने जवानों को भी वहां पर भेज रहे हैं। तालिबान ने दावा किया है कि उसने यहां के दो बड़े शहर कंधार और हेरात पर अपरा कब्जा जमा लिया है। गौरतलब है कि अमेरिकी और नाटो सेना की वापसी के बाद मई से ही यहां पर भीषण जंग छिड़ी हुई है।
रायटर्स के मुताबिक अल जजीरा टीवी पर तालिबान के प्रवक्ता को ये कहते हुए दिखाया गया कि उनका अफगानिस्तान में तेजी से आगे बढ़ना इस बात का भी संकेत है कि यहां के लोग उनका का स्वागत कर रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर गुरुवार को राष्ट्रपति अब्दुल गनी से भी बात की है। उन्होंने अफगानिस्तान की स्थिरता और सुरक्षा के लिए पूरी मदद देने का वादा किया है। उन्होंने इस दौरान ये भी कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान के राजनीतिक समाधान का समर्थन करता है।
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने ये भी साफ कर दिया है कि वो शनिवार तक वहां पर अपने एंबेसी के स्टाफ की सुरक्षित वापसी के लिए अतिरिक्त तीन हजार जवानों को भेज रहा है। वहीं ब्रिटेन इसके लिए अपने 600 जवानों को काबुल भेजेगा। इनकी मदद के लिए ब्रिटेन स्थानीय ट्रांसलेटर भी मुहैया करवाएगा। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि आने वाले दिनों में काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास कर्मियों की संख्या में कमी की जाएगी। हालांकि दूसरी तरफ से ये भी कहा गया है कि इस बात की फिलहाल कोई गारंटी नहीं है कि दूतावास को आगे भी खुला रखा जाएगा। आपको यहां पर बता दें कि कुछ समय पहले ही अमेरिका की तरफ से कहा गया था कि वो अपने दूतावास को पूरी तरह से बंद नहीं करेंगे। इसके अलावा अमेरिकी विदेश विभाग ने अफगानिस्तान में अमेरिका की मदद करने वाले लोगों को स्पेशल इमिग्रेशन वीजा बढ़ाने की भी बात कही है।
Ruchi Sharma