अफगानिस्तान में फिर लौटा तालिबानी शासन, लोग बचने के लिए बिना लगेज की ही भागने लगे, मची भगदड़
जान बचाने के लिए लोग बिना लगेज के ही भाग रहे हैं
अफगानिस्तान में फिर से तालिबानी शासन लौट आया है। तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति भवन अपने कब्जे में ले लिया। राष्ट्रपति अशरफ गनी और उप-राष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह देश छोड़कर भाग चुके हैं। हालात बिगड़ने की वजह से लोग यहां से पलायन कर रहे हैं। देश छोड़ने का एकमात्र रास्ता काबुल एयरपोर्ट बचा है। जान बचाने के लिए लोग बिना लगेज के ही भाग रहे हैं।
तालिबान ने लोगों से 17 अगस्त को सुबह 8 बजे तक घरों में ही रहने को कहा है। काबुल एयरपोर्ट से कमर्शल फ्लाइट्स भी बंद कर दी गई हैं, सिर्फ सैन्य विमानों को उड़ान की इजाजत है। इसके साथ ही काबुल में अफरा-तफरी का माहौल है। देश छोड़कर जाने के लिए लोग जल्दीबाजी में बैंकों से पैसा निकाल रहे हैं। कई लोग वीजा बनवाने के लिए अपने-अपने देशों की एम्बेसी के चक्कर काट रहे हैं।
तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी अब काबुल में ही है। माना जा रहा है कि दोहा में अभी एक बैठक होगी, जिसके बाद मुल्ला अब्दुल गनी ही अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार की अगुवाई कर सकता है। तालिबान ने राष्ट्रपति भवन से इंटरव्यू दिया है। तालिबान ने कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी और राजनयिकों के देश छोड़ने के बाद से युद्ध खत्म हो गया। अब तालिबान अफगानिस्तान को इस्लामी अमीरात बनाएगा।
इस बीच अमेरिका ने अपने करीब 6 हज़ार सैनिकों को काबुल एयरपोर्ट पर तैनात किया है, ताकि अमेरिकी नागरिकों को बिना किसी दिक्कत के बाहर निकाला जा सके। भारत भी अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए काम कर रहा है। रविवार को स्पेशल फ्लाइट से 120 नागरिक काबुल से नई दिल्ली लौटे। भारत ने काबुल से कर्मचारियों को भी वापस बुलाने का फैसला किया है।
Ruchi Sharma